कभी ग़म को छुपाना अच्छा लगता है,
यूँ अकेले में आंसू बहाना अच्छा लगता है,
वो हमें इतना याद आते हैं की अब,
उन्हें पलभर भुलाना अच्छा लगता है|
-ajay gautam 'aahat'
उठती हैं सागर की लहरें
लेकर आकांक्षा,
कि छूना है आकाश ,
इस तमन्ना को लेकर करती
बार बार प्रयास |
गिरती लेकर निराशा ,
पर मन में है अभी भी अभिलाषा,
कि छूना है आकाश
चाहे कितना करना पड़े प्रयास|
- ajay gautam ' aahat'