न मोड़ सकता हूँ रुख़ बयार का,
कर सकता हूँ मैं बस प्रिये ,
तुझसे वादा प्यार का
माना मुझसे हैं और हसीं,
है उपलब्ध लुभावने प्रलोभन ,
आमीन होंगी हर ख्वाहिशें ,
सुख में व्यतीत हो जीवन
पर नही दिखा सकता मैं,
सपना सात समंदर पार का,
कर सकता हूँ मैं बस प्रिये ,
तुझसे वादा प्यार का
उधर हैं राहें खुशी की,
इधर है कठिन जीवन ,
वहां हमेशा हंसता चेहरा ,
यहाँ कभी आँखें नम
उधर मिलेगा प्रिये उपहार,
सोने के ताज का ,
इधर होगा तोहफा बस ,
बाँहों के हार का
अभी विवश पथिक हूँ ,
मंजिल की तलाश है ,
तुम अगर साथ हो तो ,
क्षितिज भी पास है
इच्छा तुम्हारी , निर्णय तुम्हारा,
अधिकार है इनकार का ,
कर सकता हूँ मैं बस प्रिये ,
तुझसे वादा प्यार का
----- Ajay Gautam ' आह़त '
good one dogeeee...
ReplyDeletethank u birdcage :)
ReplyDeletevery nice post!!!!
ReplyDeletethank u [:)]
ReplyDeleteAise pyaar ke ijhar par to koi bhi priya barbas haan kar degi.Nicely written !
ReplyDeleteshukriya bhartiji :)
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