दोस्तों मेरी प्रथम किताब "पंखुड़ियाँ" प्रकाशित हो चुकी है। आप लोगो की ढेर सारी बधाईयों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। लॉक डाउन के कारण कई मित्रों को डिलीवरी थोड़ी देर से मिली। लेकिन अब इसकी दिक्कत दूर हो चुकी है।
कई मित्रों का फेसबुक और अमेज़न पर फ़ीडबैक और review भी मिला। बहुत शुक्रिया। आपको पसंद आई।🙏
'पंखुड़ियाँ' काव्य-संकलन है। जैसे सागर कभी उथल-पुथल तो कभी चिर-शांत रहता है, कभी तूफानों को समेटे रहता है तो कभी मद्धिम शीतलता को ओढ़े रहता है। ठीक वैसे ही प्रेम रूपी सागर जड़- चेतन के विभिन्न आयामों से गुजरता है।
पंखुड़ियाँ इस सागर में डूबने, ठहरने, टूटने और उबरने की प्रक्रिया का संकलन है। एक यात्रा है। ये यात्रा शायद हर कोई करता है । कभी न कभी। इन यात्रा के जल-चिन्हों को शब्दांकित करने का सूक्ष्म प्रयास है 'पंखुड़ियाँ'.
जब आप पढ़ेंगे तो ये शब्द, अनुभव, अभिव्यक्ति, ये किताब सब आपके हो जायेंगे। आपके अपने।
प्रिय मित्रों दिए गए लिंक पर क्लिक करके Amazon या NotionPress से अपनी प्रति बुक कराएं। आप लोगों के फीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
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दिल के मारियाना ट्रेंच की तलहटियों से धन्यवाद !❤️
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