Tuesday, November 23, 2010

ख़ामोशी

क्या पूछते हो हाल हमारा ,
क्यूँ चेहरे पर निशां घिर आये हैं ,
कैसे बताये तुझको ऐ दोस्त ,
किस मंज़र से गुज़र कर आये हैं |


-----अजय गौतम 'आह़त'