Monday, February 23, 2009

याद


कभी ग़म को छुपाना अच्छा लगता है,
यूँ अकेले में आंसू बहाना अच्छा लगता है,
वो हमें इतना याद आते हैं की अब,
उन्हें पलभर भुलाना अच्छा लगता है|


-ajay gautam 'aahat'

Saturday, February 21, 2009

आकांक्षा


उठती हैं सागर की लहरें
लेकर आकांक्षा,
कि छूना है आकाश ,
इस तमन्ना को लेकर करती
बार बार प्रयास |
गिरती लेकर निराशा ,
पर मन में है अभी भी अभिलाषा,
कि छूना है आकाश
चाहे कितना करना पड़े 
प्रयास|

            - ajay gautam ' aahat'