Aahat
Sunday, October 14, 2012
जुदाई
दुपट्टे का लहराना है या ख़त भेजा हवाओं में,
मैं अपना कुछ सबब खोजू तेरी इन अदाओं में
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--- अजय गौतम ' आहत '
Tuesday, January 24, 2012
तेरे दिल का हाल प्रिये
जब तुम घर से निकलोगे
पर मुझको न पाओगे
जब बेचैन निगाहों से
गली का कोना छानोगे
जब तुम यूँ अकेले में
कोई उदास गीत गुनगुनाओगे,
जब तुम बात बात पर
घर पर मिलने आओगे,
पर मुझको न पाओगे
तब मैं पूछूँगा तुझसे तेरे दिल का हाल प्रिये ।
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------ अजय गौतम 'आहत'
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