जब तुम घर से निकलोगे
पर मुझको न पाओगे
जब बेचैन निगाहों से
गली का कोना छानोगे
जब तुम यूँ अकेले में
कोई उदास गीत गुनगुनाओगे,
जब तुम बात बात पर
घर पर मिलने आओगे,
पर मुझको न पाओगे
तब मैं पूछूँगा तुझसे तेरे दिल का हाल प्रिये ।
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------ अजय गौतम 'आहत'