Aahat
Tuesday, July 23, 2013
जो तेरी बात चले ..
मुझको याद है वो राहें जो तेरे साथ चले
फूलों को भी खुशबू आये जो तेरी बात चले
कश्मकश में रहता हूँ ख़त लिखू न लिखू
कलम खुद ही चल जाये जो तेरी बात चले
. . . . . . .
---- अजय गौतम ' आहत '
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