तुम कहो या चुप ही रहो
बात दिल तक जरा पहुंचा दीजिये
हम सदियों से प्यार करते रहे
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
एक कुमुदुनी दिनभर परेशान है
आस का सूरज ढलता गया
कुछ ऐसी सियासी हवाएं चली
उसका भंवरा कहीं दूर उड़ता गया,
हम तुम दोनों जुदा हो गए
ऐसी बातों को न हवा दीजिये
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
एक मछली किनारे पे आके गिरी
उसका साथी था जाल में कहीं
बोली मुझको भी ले चलो आदमी
उसके पैरों पर वो रोने लगी,
तुझको मुझसे मिलने से रोके
ऐसी जालों को फ़ना कीजिये
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
रेत पर जो थे पाँव के निशां
मेरे पाँव उस पर पड़ते गए
वो हसीं वादियां वो हसीं पल
सारे रेत में बदलते गए
रेत भी वक़्त बताने लगे
अपने हाथों से रेत गिरा दीजिये
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
देखो ये घटायें उदास हैं
परिंदे भी सब चुप से हुए
तुम जो थोड़े से हुए ग़मगीन
फूल सारे मुरझा से गए
ये रोते हुए सब हंसने लगे
आप थोडा सा मुस्कुरा दीजिये
हम सदियों से प्यार करते रहे
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
---- अजय गौतम 'आहत '
बात दिल तक जरा पहुंचा दीजिये
हम सदियों से प्यार करते रहे
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
एक कुमुदुनी दिनभर परेशान है
आस का सूरज ढलता गया
कुछ ऐसी सियासी हवाएं चली
उसका भंवरा कहीं दूर उड़ता गया,
हम तुम दोनों जुदा हो गए
ऐसी बातों को न हवा दीजिये
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
एक मछली किनारे पे आके गिरी
उसका साथी था जाल में कहीं
बोली मुझको भी ले चलो आदमी
उसके पैरों पर वो रोने लगी,
तुझको मुझसे मिलने से रोके
ऐसी जालों को फ़ना कीजिये
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
रेत पर जो थे पाँव के निशां
मेरे पाँव उस पर पड़ते गए
वो हसीं वादियां वो हसीं पल
सारे रेत में बदलते गए
रेत भी वक़्त बताने लगे
अपने हाथों से रेत गिरा दीजिये
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
देखो ये घटायें उदास हैं
परिंदे भी सब चुप से हुए
तुम जो थोड़े से हुए ग़मगीन
फूल सारे मुरझा से गए
ये रोते हुए सब हंसने लगे
आप थोडा सा मुस्कुरा दीजिये
हम सदियों से प्यार करते रहे
प्यार हमसे भी थोडा जता दीजिये ।
---- अजय गौतम 'आहत '
wow! Beautifull lines
ReplyDeletethanku so much :)
Deletehmesha ki tarah.. Awesome h.. :- Vandana verma
ReplyDeletesukriya Vandana ji ! housla afzai ke liye bahut bahut shukriya :)
DeleteMachli wala part acha tha😜
ReplyDeleteMachli wala part acha tha😜
ReplyDelete:D Behera da , mujhe pata hai tumhe ye line pasand kyun aayi :D thanx :)
ReplyDeleteSo so
ReplyDeleteSo so
ReplyDeletebeautiful poem.. :) -- S.K
ReplyDeleteshukriya !
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